Uncle Foj Me, Aunty Moj Me

नमस्कार चूत की रानियों और लौड़े के राजाओं, राहुल आपके सामने फिर एक बार नयी कहानी लेकर हाजिर है, मुझे आशा है आपको मेरी पुरानी कहानियां पसंद आई होंगी.

ये हिन्दी सेक्स कहानी जो मैं आज आपके सामने रख रहा हूँ ये मेरे दोस्त बिल्ला की माँ कमला के बारे में है, बिल्ला मेरे ऑफिस में मेरा कलीग है, उसकी उम्र लगभग 30 की होगी, हमारी दोस्ती काफी अच्छी है, बिल्ला के घर में उसका बाप जो फौज में सिपाही हैं और लद्दाख में हैं, उसकी माँ कमला जिसकी उम्र 46 वर्ष है, उसका भाई रवि जो बिल्ला से 3 साल छोटा है और दूसरे शहर में पढ़ता है, रहते हैं.

बिल्ला को ऑफिस से अचानक किसी काम से दूसरे शहर भेज दिया गया, अब बिल्ला के घर में उसकी माँ अकेली थी, मैं बिल्ला के घर एक बार गया था, तो उसकी माँ मेरी नज़रों में चढ़ गयी थी, मुझे उसकी माँ से प्यार हो गया था.

मैं अपने घर में रात का खाना बना रहा था कि तभी अचानक बिल्ला का फोन आया.

बिल्ला(फोन पर)- हेलो राहुल, भाई सुन, एक काम था.

मैं(फोन पर)- हाँ बोल भाई क्या काम है.

बिल्ला(फोन पर)- यार मेरे घर की छत का पंखा अचानक बंद हो गया है, और अभी इलेक्ट्रीशियन फोन नहीं उठा रहा है, माँ अकेली है घर में, प्लीज यार तू जरा जाकर देख.

मैं(फोन पर)- इसमें प्लीज मत बोल भाई, मैं अभी जाता हूँ, देखता हूँ क्या दिक्कत है.

बिल्ला(फोन पर)- थैंक्स भाई, मैं बात करता हूँ फिर, अभी बहुत बिजी हूँ.

मैं(फोन पर)- ओके भाई, जब फ्री हो जाये तो कॉल करना.

(मैं बिल्ला के घर के लिए निकल पड़ा, मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं है, क्योंकि मुझे वहां कमला आंटी के दर्शन जो होने हैं, मेने बाइक स्टार्ट करी और फुल स्पीड से बिल्ला के घर पहुच गया, मेने घर की घंटी बजायी, कमला आंटी ने दरवाजा खोला…)

(कमला आंटी का परिचय – आंटी ने पीले रंग का कसा हुआ सूट और सलवार पहना हुआ है, सूट जालीदार था इसका पता आंटी की काली रंग की ब्रा से पता चल रहा है, जिसकी स्ट्रिप आंटी के कंधे पर दिख रही है, स्पष्ट पता चल रहा था कि आंटी बिस्तर में लेटी हुयी थी और ऐसे ही दरवाजा खोलने चली आई, आंटी दिखने में बिलकुल पतली जीरो फिगर वाली सेक्सी औरत है..

आंटी के बूब्स भी काफी छोटे हैं, कमर बहुत पतली, कूल्हे बाहर निकले हुए आंटी के पतलेपन की शोभा बढ़ा रहे हैं. अगर आपको आंटी कैसी दिखती है ये कल्पना करनी है तो मलाइका अरोड़ा का फिगर जैसा है वैसा ही बिलकुल आंटी का फिगर भी है बस अंतर उम्र में है, आंटी की उम्र 46 के करीब है लेकिन इस ढलती उम्र में भी आंटी ने अपने आप को काफी फिट रख रखा है..

आंटी के छोटे छोटे बूब्स की काली अंधकारमय घाटी खुले गले के सूट से दिख रही है, आंटी के गले में एक मंगलसूत्र और काला धागा है, होंटो में हलकी लिपस्टिक है, माथे पर बिंदी है, मांग पर सिन्दूर है, हाथों में पीली चूड़ियाँ पहनी हुयी हैं, हाथ की भुजा में एक काले रंग का धागा बंधा हुआ है जो गोरे गोरे हाथों की शोभा बढ़ा रहा है..

सचमुच में आंटी कयामत लग रही है. 46 साल की इस ढलती उम्र में आंटी ने मेरा लण्ड खड़ा करवा दिया जो लगातार झटके मार रहा है और उसमे से हल्का हल्का पानी भी निकल रहा है, मेरी हालत ऐसी हो गयी है जैसे किसी भी लड़के की ब्लू फ़िल्म देखते हुए होती है. मुझे ये औरत आंटी या मेरे दोस्त की माँ नहीं बल्कि एक पोर्न स्टार या रंडी लग रही है)

कमला- हेलो राहुल, आ जाओ अंदर, कैसे हो तुम, थैंक्स राहुल आने के लिए, मुझे लगा तुम आओगे ही नहीं.

मैं- हाय आंटी, मैं ठीक हूँ, आप कैसे हो, थैंक्स की कोई बात नहीं आंटी, ये तो मेरा फर्ज है आपकी सेवा करना.

कमला- कितने स्वीट हो तुम बेटा, मैं तुम्हे परेशान नहीं करती अगर बिल्ला घर पर होता तो. वो पंखा काम करना बंद कर दिया है, जरा देखना बेटा.

मैं- परेशानी की कोई बात नहीं आंटी, आप भी बहुत स्वीट हो, मैं सही कर देता हूँ पंखा आप बिलकुल फिक्र न करें.

कमला- थैंक्स बेटा.

(मैं पंखा सही करने लगा, मैं स्टूल में चढ़ा, स्टूल थोडा कच्चा सा है इसलिए मेने आंटी को स्टूल पकड़ने को बोला, आंटी अब स्टूल पकड़े हुए है और मैं पंखा सही कर रहा हूँ, मेने अचानक नीचे देखा तो मुझे आश्चर्य हुआ, आंटी की चुन्नी नीचे सरक गयी, जिस वजह से आंटी के छोटे छोटे झूलते हुए अमिया से बूब्स दिख रहे हैं..

बूब्स की काली गहरी खायी को देखकर मेरा लुल्ला विकराल रूप में आ गया और झटके मारने लगा जो कि मेरे लोअर में साफ पता चल रहा है, आंटी स्टूल ऐसे ही पकड के खड़ी है, पंखा न चलने के कारण आंटी के माथे पर पसीना आ रहा है जो लंबा सफर तय करके गालों और गलों से होकर बूब्स की काली गहरी संकरी घाटी में समा रहा है..

ये दृश्य किसी का भी लौड़ा खड़ा कर देने वाला दृश्य है, और मेरी तो हालत ही खराब है, मेरी आँखें हवस से लाल हो गयी थी, मुह में पानी था, लन्ड झटके मार मार कर उछल रहा था, बहुत ही हवसपूर्ण स्थिति है, अचानक आंटी की पैनी नजर मेरे लोअर में झटके मारते हुए औजार पर पड़ी, और आंटी ने एक हाथ अपने मुह पर रख लिया और एक गन्दी सी मुस्कान दी..

मैं समझ गया की मेरा औजार आंटी को पसंद आया है, आंटी की ये गन्दी मुस्कान देखकर मेरा लण्ड और तेज तेज झटके मारने लगा, अंदर कच्छा न पहनने के कारण मेरे खड़े लण्ड से जो पानी निकल रहा है उसका छाप लोअर में पड़ गया है जिसे आंटी ने देख लिया और आंटी ने अपने होंटों में जीभ फेर दी जैसे ब्लू फिल्म में कोई कामुक अभिनेत्री फेरती है..

मैं आंटी की ये हरकत देखकर पागल हो गया, और मैं दूसरी और घुमा और एक हाथ से मुठ मारने लगा और दूसरे हाथ से पंखा सही करने का नाटक करने लगा, आंटी को पता चल गया था की मैं क्या कर रहा हूँ तो आंटी ने अपना सर निचे झुका लिया और वो स्टूल अभी भी पकड़े हुए है, मेरी मुठ मारने की रफ़्तार तेज़ हुयी तो स्टूल हिलने लगा, आंटी ने स्टूल कस कर पकड़ लिया..

आंटी मेरी मुठ क्रिया में कोई अवरोध नही डालना चाहती, अब मेरा माल निकलने वाला है और मैं आंटी की और घूमता हूँ, आंटी अभी भी सर झुका कर खड़ी है, और मेरा सारा माल आंटी के सर में बालों पर गिर जाता है, मैं लोअर ऊपर कर देता हूँ फिर आंटी भी ऊपर देखती है)

कमला- राहुल बेटा हो गया ठीक पंखा ?

मैं- अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह… उफ्फ्फ… जी आंटी.

कमला- इतना हांफ क्यों रहा है ?

मैं- बड़ी मुश्किल से ठीक हुआ, बहुत हिलाया, सहलाया, सोचा, तब जाकर अभी ठीक हुआ ये पंखा.

कमला- अरे हिलाने, सहलाने से सही हो जाता है क्या ? मुझे पहले पता होता तो मैं खुद ही ठीक कर देती, हिलाकर और सहलाकर.

मैं- काफी टाइम लगता है आंटी, हिलाने और सहलाने में तब जाकर होता है.

कमला- तो क्या हुआ, मैं हिलाती रहती जब तक ठीक नहीं होता, पहले बताता मुझे तो मैं खुद ही सही कर देती पंखा.

मैं- आंटी एक डंडे वाला पंखा भी रखा करो इमरजेंसी के लिए, काम आता है.

कमला- अरे उसे हिलाते हिलाते हालत ख़राब हो जाती है सही में.

मैं- तो आपको भी तो मजा आएगा न अगर आप हिलाओगे उसे तो.

कमला- हाँ ये तो है बेटा, चल छोड अब, पंखा सही हो गया है, तेरे लिए कोल्ड्रिंक ले आऊं.

मैं- जी आंटी, पिला दो ठंडी सी, बहुत गरम हो गया हूँ मैं.

कमला- कोई बात नहीं तेरी गर्मी शांत कर देती हूँ.

(आंटी हिरणी जैसी चाल चल के किचन में जाती है और कोल्ड ड्रिंक लाती है, मैं कोल्ड्रिंक पीता हूँ और आंटी से बात करता हूँ)

मैं- वैसे आंटी इस सूट में आप अच्छे लग रहे हो.

कमला- सिर्फ अच्छे ?

मैं- नहीं बहुत अच्छे.

कमला- केवल बहुत अच्छे ?

मैं- बोले तो एक दम सेक्सी एंड हॉट.

कमला- हाँ ये हुयी न बात.

(और हम हंसने लगते हैं तभी अचानक लाइट चली जाती है और पंखा बंद हो जाता है, और हम दोनों गर्मी में पसीने से भीगने लगते हैं)

कमला- उफ्फ्फ राहुल कितनी गर्मी है.

मैं- हाँ आंटी, बहुत तेज गरमी लग रही है.

कमला- बेटा, ठंडा कर दे मुझे जल्दी वरना गर्मी आग पकड़ लेगी.

मैं- ठंडा कैसे करूँ आंटी यहाँ तो डंडे वाला पंखा भी नहीं है.

कमला- अरे सुन, मैं एक खेल बताती हूँ, तू मेरे चेहरे में अपने मुह से हवा फेकना फिर मैं फेंकूँगी, ठीक है ?

मैं- ओके आंटी.

(आंटी मेरे पास आ जाती है, अब हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हैं, इतने करीब की हमारी साँसे एक दूसरे से टकरा रही हैं, आंटी का चेहरा पसीने से भीगा हुआ है, और मैं आंटी के चेहरे पर फूँक मारना शुरू करता हूँ जिससे आंटी को आनंद की अनुभूति हो रही है, और आंटी ख़ुशी से आहें भर रही है)

कमला- हाये राम, राहुल, इतना मजा आ रहा है, मैं तुम्हारे साथ ऐसे रात भर बैठने को तैयार हूँ, ऐसे ही फूंक मारो, ओहो आह्ह्ह्ह वाह्ह राहुल क्या जादू है तुम्हारी फूंक में.

(मैं आंटी के चेहरे में फूंक मारे जा रहा हूँ, आंटी को गर्मी में मजा आ रहा है और मेरी गांड फट रही है. आंटी ने ऊपर की ओर देखा और मुझे उनके गले में फूंक मारने का संकेत दिया, उनके गले में भी थोक के भाव पसीना है, मेने गले में भी फूंक मारना शुरू किया, आंटी के बूब्स की घाटी और 50 प्रतिशत बूब्स भी साफ़ साफ़ दिख रहे हैं, जिसे देखकर मेरा फौलादी लण्ड फिर से हरकते कर रहा है, मेने अचानक आंटी की बूब्स की घाटी में फूंक मार दी जिससे आंटी चिल्ला गयी)

कमला- आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ राहुल यू आर अमेजिंग माय सन.

(कमला का चेहरा ऊपर छत की ओर ही था जिसका फायदा उठाकर मेने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया और मुठ मारने लगा, कमला की आँखें बंद थी और मैं मुठ मार रहा हूँ उसे पता भी नहीं है कि मैं मुठ मार रहा हूँ, फूंक मारते मारते मैं मुठ भी मार रहा हूँ, जब मैं चरम सीमा में आने वाला हुआ तो मैं खड़ा हो गया और मेने सारा माल आंटी की बूब्स घाटी में डाल दिया, और यह दृश्य देखकर कमला चौंक गयी और घबरा गयी)

मैं(मुठ कमला के ऊपर डालते हुए)- अह्ह्ह्ह्हह्ह्ह… ओये होये ह्ह्ह्ह्ह…

कमला- राहुल ये क्या कर रहे हो, तुम्हे तमीज भी है कुछ, बेशर्म कहीं का, कोई ऐसे करता है भला, हरामी, जाहिल.

मैं- सॉरी आंटी, मुझे माफ कर दो, गलती से हो गया, मुझे पता नही क्या हो गया था, अब नही होगी ऐसी गलती.

कमला- इतना बड़ा हो गया, गर्ल फ्रेंड नही बनायीं क्या अभी तक ?

मैं- नहीं आंटी कोई नहीं बनायीं, मैं ऐसे ही हाथ से काम चलाता हूँ.

(आंटी मेरे पास आती है और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख देती है, मैं आश्चर्यचकित हो जाता हूँ, लेकिन फिर अचानक आंटी अलग हो जाती है)

मैं- क्या हुआ आंटी ?

कमला- अह्ह्ह्ह्ह… ये गलत है राहुल, जो भी हम कर रहे हैं, ये सब गलत है.

मैं- नहीं आंटी, कुछ गलत नहीं है, आपको भी ये सब करने का मन है, आपको भी आजादी है.

कमला- नहीं राहुल, तुम मेरे बेटे के दोस्त हो, मेरे बेटे जैसे, हम ये सब कैसे कर सकते हैं, ये पॉसिबल नहीं है बेटा, तुम चले जाओ अपने घर, पंखा ठीक करने के लिए थैंक्स.

(मैं ऐसे कुछ किये बिना नहीं जा सकता था, मेने पतली दुबली आंटी को अपनी ओर जोर से खींचा और वो हवा की तरह मेरे सीने से लग गयी, मैंने अपने होंठ उनके होंठ पर रख दिए और चूसने लगा, अब वो भी मेरा साथ देने लग गयी..

मेने आंटी की कमर कसके अपने दोनों हाथों से पकड़ ली और आंटी की कमर इतनी पतली थी कि मेरे दोनों हाथों में फिट आ गयी, और मेने आंटी को ऊपर उठा लिया, आंटी आसानी से लिफ्ट हो गयी क्यों आंटी का वजन लगभग 40 किलो था, ऊपर उठा कर आंटी ने अपने दोनों पैर मेरी कमर में बांध दिए, और अपनी चूत को मेरे पेट से रगड़ने लगी, हम दोनों अभी खड़े ही है और किस कर रहे हैं, जीभ से जीभ मिला रहे हैं..

इसके बाद मेने आंटी का सूट उतार दिया, और सलवार भी उतार दी, अब आंटी मेरे सामने केवल काली रंग की ब्रा और पेंटी में थी, आंटी के बूब्स बहुत छोटे थे, मेने आंटी की ब्रा भी उतार दी, आंटी के निप्पल काले रंग के नोकदार खड़े हो रखे थे, मेने निप्पल को चूसना शुरू किया और आंटी ने सिसकारियाँ भरना शुरू किया)

कमला- उफ्फ्फ… आह्ह्ह्ह… ओहोहोह्ह्ह्ह्ह… राहुल बेटा, मर गयी मैं तो, उफ्फ्फ्फ्फ… मम्मा…प्लीज जोर जोर से चूसो बेटा… अह्ह्ह्ह्ह!!!

(आंटी का जोश देखकर मुझे भी जोश आ गया और मेने दोनों निप्पल चूस चूस कर लाल कर दिए, इसके बाद मेने आंटी की पेंटी उतारी, जिसके अंदर चूत रूपी खजाना मेरे हाथ लगा, हलके हलके बाल से घिरी हुयी 46 साल की आंटी की छोटी सी चूत ऐसी लग रही थी जैसे इस रास्ते में कई साल से कोई मुसाफिर नहीं आया..

और अब पेट्रोल से भरी हुयी लंबी रेलगाड़ी इस चूत में घुसने के लिए तैयार थी, मेने आंटी को कन्धे पर इस तरह उठाया कि आंटी की चूत सीधे मेरे मुह में लग कर सट गयी, और मैं आंटी की चूत को जीभ से चाटने लगा, धीरे धीरे जीभ चूत के दाने में फेरने लगा, जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा, जिससे आंटी पागल हो गयी और जोर जोर से चिल्लाने लगी और गालियां भी दे रही थी)

कमला- मेरे राजा… अह्ह्ह्हह्ह… उईईईईईई… मार डाला मेरे स्वामी… चाट और चाट, चाट चाट कर फालूदा बना दे बहिनचुत्तड़, मादरचुत्तड़, अहहह्हह्हह्हह… हाये शहह्ह्ह्ह्ह स्स्स्सस्स्स्स… जीभ फेर, पानी निकाल मेरा भोसडीके……

(फिर आंटी ने मेरे मुह में ही सारा पानी छोड़ दिया और झड़ गयी, इसके बाद मेने आंटी को बिस्तर में पटक दिया, और अपना 6 इंच का लण्ड आंटी की चूत में सेट कर दिया, और एक जोरदार धक्का लगाया, आंटी की चूत फट गयी, आंटी दर्द से रोने लगी, लेकिन मुझ पर सेक्स का भूत सवार है, चाहे आंटी की जान ही क्यों न चली जाये, मेरा माल आंटी की चूत में किसी भी हालत में गिरना चाहिए, मेने अपना लण्ड अंदर बाहर करना शुरू किया, और तेज तेज आंटी को चोदने लगा, आंटी की चूत से खून की धार बहने लगी, लेकिन मेरा रुकने का नाम नहीं है)

कमला- बेटा, अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह… रुक जा, रहम कर, भगवान के लिए रुक जा राहुल, खून आ रहा है, उफ्फ्फ्फफ… मर गईईईईईईई…

मैं- अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… रंडी, आज फाड़ दूंगा तेरी चूत को, ओहोहोहोहो…. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह… स्स्स्सस्स्स्स… उम्मम्मम्मम्मम्म… क्या कसी हुयी चूत है मेरे दोस्त की माँ की अह्ह्हह्ह्ह्ह…

(फिर लगभग 20 मिनट चोदने के बाद मैं कमला की चूत में ही झड़ गया और उसके बदन के ऊपर निढाल हो गया, कमला को बेहोशी से चक्कर आ गए, मेने उसके मुह में थूका तो उसे होश आया, हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे और किस करते रहे, एक दूसरे को पति पत्नी की तरह प्यार करते रहे, चूत से खून बह रहा है, लेकिन हम एक दूसरे में इतने खोये हैं कि कुछ पता नहीं चला)

(कुछ टाइम बाद पता चला की कमला आंटी पेट से है, यह बात ऑफिस में पता चली तो बिल्ला शर्म से लाल हो गया, उसे पता नहीं था कि उसकी माँ के पेट में किसका पाप है, कुछ समय बाद कमला आंटी में मेरे बेटे को जन्म दिया जिसका नाम आंटी ने राहुल रखा, तब बिल्ला को शक हुआ की उसकी माँ ने उसके भाई का नाम राहुल क्यों रखा और उसकी शक्ल हूबहू मुझ से मिल रही थी).

** इस कहानी के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा **