Meri Chudakkad Banne Ki Dastan – Part 1

हैलो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श आपके सामने अपनी पहली चुदाई की सेक्स इंडियन हिन्दी चुदाई कहानी लेकर हाजिर हूं और उम्मीद करती हूं आपको बहुत पसंद आएगी। मेरी पहली कहानियों की तरह आप इस कहानी को भी बहुत बहुत प्यार दोगे। कहानी शुरु करने से पहले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा सलाम। मेरे बारे में, मेरी आदतों के बारे में और मेरी फिगर के बारे आप जानते ही हो कि मैं कैसी हूं और कितनी चुद्दकड़ हूं।

पहली कहानियों में मैंने बताया था कि मेरी मम्मी भी बहुत चुद्दकड़ है और 8वीं कक्षा से छुप कर मम्मी के स्कूल के प्रिंसिपल और चपरासी के रूम में मम्मी और उनके अलग अलग चोदू यारों की चुदाई देखा करती थी। मम्मी को अलग अलग मर्दों से चुदते देखकर मेरी चूत और गांड में भी लंड लेने की खुजली होती थी।

मम्मी को शराब और चर्स पीकर चुदाई करते देखकर मेरा दिल भी वैसे ही चुदाई करने को करता था। एक दिन मुझे मम्मी की अलमारी के पीछे चर्स और शराब की बोतलें मिलीं और ढूंढने से एक नकली लंड भी मिल गया। उसके बाद मैं मम्मी की चर्स, सिगरेट और शराब चुरा कर पीने लगी। इससे मुझे शराब सिगरेट और चर्स की लत लग गई और नकली लंड को चूत एवं गांड में लेकर चुदाई की इच्छा पूरी कर लेती थी।

एक दिन नशा ज्यादा हो गया और चुदाई का भूत भी ज्यादा चढ़ गया तो नकली लंड को चूत के अंदर तक ले लिया और मेरी सील टूट गई। तब दर्द भी हुआ और खून भी निकला। उसके बाद मैं चूत और गांड में नकली लंड को पूरी तरह से अंदर लेकर चुदाई की प्यास बुझाने लगी।

छोटी उम्र में ये सब करने से मेरा बदन भी जल्दी भर गया और मेरे बूब्ज़ एवं चूतड़ भी बडे़ और शेप में आ गए। धीरे-धीरे नशे की लत भी ज्यादा हो गई और असली लंड से चुदाई का ख्याल हर टाईम दिमाग में रहने लगा। आखिर वो दिन आ ही गया जब मेरी चूत और गांड में असली लंड घुसा और कई सालों का इंतजार खत्म हुआ। उसके बाद कभी नकली लंड नहीं लिया और असली लंड लेने की झिझक दूर हो गई।

ये बात काफी साल पहले की है। मैंने 10 वीं के बाद कमर्स में दाखिला ले लिया। मैं अकाऊंट की पढा़ई के लिए एक रिटायर्ड प्रोफेसर के पास ट्यूशन रख ली। उनका नाम हेमराज और आयु करीब 60 साल थी। उनका कद 5 फीट 9 इंच और रंग गोरा था। उनका बदन काफी फिट और सेहतमंद था। उनका चेहरा क्लीन शेव और सिर पर सफेद बाल थे लेकिन दिखने में आकर्षित थे। उनकी पत्नि का निधन हो चुका था, बेटी और बेटा अपनी-अपनी फैलिली के साथ यूएसए में रहते थे। वो यहां अकेले रहते थे और बच्चों को ट्यूशन पढा़ते थे। खाना वगैरह एक नेपाली नौकर बना कर चला जाता था।

एक बार किसी काम की वजह से दो दिन ट्यूशन नहीं जा पाई। तीसरे दिन उन्होंने छुट्टी की हुई थी जो मुझे मालूम नहीं था और मैं उनके घर चली गई। हेमराज सर घर ही थे और उन्होंने बताया कि आज सब को छुट्टी की हुई है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैं वापिस आने लगी तो हेमराज सर ने कहा अर्श तुम अंदर बैठ जाओ दो दिन में जो पढा़ई की है उसके नोटिस पडे़ हैं वो ले जाना, मैं अभी आधे घंटे में आता हूं और घर को ताला नहीं लगाना पडे़गा। मैं अंदर बैठ गई और सर चले गए। बैठे-बैठे मैं मोबाईल पर पोर्न मूवी देखने लगी और मुझे मालूम ही नहीं हुआ कब सर मेरे पीछे आकर खडे़ हो गए। जैसे ही मूवी खत्म हुई मैंने पीछे देखा हेमराज सर खडे़ थे। मैं एकदम से घबरा गई और खडी़ हो गई।

सर ने मुझे बैठने को कहा और मेरे सामने बैठ गए। सर ने कहा घबराओ नहीं बेटा, मैं किसी को नहीं बताऊंगा। मैंने कहा थैंक्यू सर। सर ने आगे बात शुरु की कि इस उम्र में सेक्स की तरफ झुकाव ज्यादा होता है और ये मूवी देखना या ब्वॉयफ्रेंड बनाना आजकल बड़ी बात नहीं है। मैंने कहा जी सर आजकल सब लड़कियों के ब्वॉयफ्रेंड हैं। सर ने पूछा क्या तेरा भी कोई ब्वॉयफ्रेंड है बेटा। मैंने कहा नहीं सर अभी तक तो नहीं है। सर फिर बोले जब तुम ऐसी मूवी देखती हो तो कुछ करने का मन नहीं होता। मैंने कहा होता है सर लेकिन डर लगता है।

सर ने मुझे देखा और बोले गलत मत समझना बेटा, मैं कई सालों से अकेले रह रहा हूं और सेक्स नहीं किया। अगर तुम चाहो तो तुम जो करना चाहती हो वो भी हो जाएगा और मेरा अकेलापन भी दूर हो जाएगा। मैंने कहा मतलब सर, तो सर ने कहा सेक्स रूह का खाना होता है हम दोनों को मिल सकता है और किसी को मालूम भी नहीं होगा। मैंने कहा लेकिन मुझे डर लगता है सर अगर कुछ हो गया तो क्या होगा। सर ने कहा मैं तब तक तेरे साथ सेक्स नहीं करूंगा जब जक तुम न चाहो लेकिन तब तक ऊपर ऊपर से तो कर सकते हैं, मैं तुम्हारी चूत जीभ से चाटकर और तुम मेरा लंड चूस कर पानी निकाल लिया करेंगे।

मैं गर्म हो चुकी थी लेकिन सिर झुका कर चुपचाप बैठी रही, तभी सर मेरे पास बैठ गए और मेरे बूब्ज़ दबाने लगे। मुझ से भी रहा नहीं गया और सर के होंठों पर होंठ रखकर चूम लिया। मैंने कहा सर अभी वादा करो जब तक मैं नहीं कहूंगी तब तक आप लंड मेरी चूत में नहीं डालोगे। सर ने कहा ठीक है और मैं सर के होंठ चूमने लगी। तभी सर ने कहा आज जल्दी से कर लेते हैं थोडी़ देर में नेपाली आ जाएगा और कल से मुझे जल्दी आने को बोला। सर ने बाहर के गेट को बंद कर दिया और अंदर आकर मुझे सीने से चिपका लिया।

सर की पैंट के ऊपर से लंड मेरे पेट पर लग रहा था और मैंने सारी शर्म उतार कर सर का लंड पकड़ लिया। सर ने जल्दी से मेरी जींस उतार दी और मुझे टेबल पर बैठा दिया। सर ने मेरी टांगें खोलकर अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और टॉप के ऊपर से बूब्ज़ पकड़कर दबाने लगे। सर ने मेरी चूत को चूमते हुए अपनी जीभ मेरी चूत में घुसा दी और चाटने लगे। आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी चूत एवं बूब्ज़ को टच किया था मुझे अजीब सा नशा होने लगा। मैं अपनी गांड हिला कर सर के मुंह पर चूत रगड़ने लगी और कुछ देर में झड़ गई।

आज पहली बार मुझे झड़ने में इतना मजा आया और मैं सर के मुंह पर चूत रगड़ते हुए आंहें भरती हुई झड़ गई। सर ने पूछा कैसा लगा अर्श और मैंने बेशर्मी से बोल दिया बहुत मजा आया सर। आज तख आप कहां थे सर पहले ही कर देते। सर हंस दिए और अपनी पैंट उतार कर बोले आज बातों का टाईम नहीं कल आराम से करेंगे। सर का लंड बहुत मोटा और लंबा था और एकदम तनकर सीधा खड़ था। मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई और सर का लंड हाथ में पकड़ लिया।

मैंने मूवीज में पोर्न स्टार को तथा मम्मी को कई मर्दों का लंड चूसते देखा था और नकली लंड को गले तक उतार कर चूसने का तजुर्बा भी काफी था। मैंने सर के लंड से चमड़ी पीछे कर के लाल टोप्पा बाहर निकाल लिया। मैं सर के लंड पर ऊंगलियां घुमाते हुए उनके पतालू मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने सर के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

कुछ देर बाद सर ने मुझे सिर से पकड़ लिया और मेरे मुंह में झटके मारने लगे। जब सर झटका मारते तो लंड मेरे गले की गहराई में उतर जाता और सर बाहर खींच लेते। जब सर मेरा मुंह चोद रहे थे तो उनके मुंह से आंहें निकल रही थीं। कुछ देर बाद सर ने मेरे मुंह वीर्य छोड़ दिया। वो गाढ़ा गाढ़ा नमकीन वीर्य मुझे बहुत अच्छा लगा।

आज पहली बार वीर्य चखा था और बहुत टेस्टी लगा। कुछ वीर्य मैंने अंदर निगल लिया और कुछ मेरे होंठों से बाहर टपकने लगा। मैंने टपक रहा वीर्य साफ किया और अपनी जींस पहन ली। सर ने कहा तू तो बहुत मस्त लंड चूसती हो। मैंने कहा कल को लंड से बाल अच्छी तरह साफ कर के रखना तो मुंह में लूंगी। सर ने कहा जो हुक्म जनाब और मैंने साथ शराब और सिगरेट रखने को भी कह दिया और सर ने वो बात भी मान ली। मैं अभी गली के मोड़ पर पहुंची थी कि नेपाली आ रहा था। मैंने शुक्र मनाया कि टाईम पर निकल आई वरना नेपाली को शक्क हो सकता था।

दूसरे दिन हेमराज सर ने सुबह पापा को फोन किया कि आज से वो मुझे 2 घंटे ज्यादा पढा़ई करवाएंगे और 3 से 6 बजे तक पढा़ई होगी। बहाना ये बनाया कि मुझे कुछ ज्यादा पढा़ई करवाएंगे ताकि अच्छे नंबर आ सकें। पापा ने मुझे बताया शर मैं समझ गई सर खुलकर मजा देगें। यानी 3 से 4 बजे तक किताबी पढा़ई और 4 से 6 बजे तक लंड चूत की पढा़ई होगी।

वैसे भी हेमराज सर पापा के प्रोफेसर रह चुके हैं औल सर के हमारे घर आना-जाना भी है।कई बार जब नेपाली छुट्टी पर होता है तो खाना हमारे घर से जाता था या कभी कोई शहर में काम होता था तो रात को उनके घर रुक जाते थे। मैं अच्छी तरह से तैयार होकर कॉलेज में गई और तीन बजे सर के घर पहुंची। वहां 4 बजे तक पढा़ई की और फिर हम सर के बैॅडरूम में आ गए।

मैंने उस दिन नीली टाईट जींस, सफेद टॉप और नीले रंग की ब्रा एवं पैंटी पहनी हुई थी। हेमराज सर के बैॅडरूम में एक बड़ा-सा नर्म सोफा, सोफे के साथ की तीन कुर्सियां, एक बहुत बड़ा टेबल जो करीब 4*6 फीट का होगा, उसी के साथ का बड़ा-सा डबल बैॅड, बहुत बडी़ सक्रीन वाली एलईडी एवं होम थिएटर था। सर का बैॅडरूम बहुत बड़ा था, मैंने पहली बार इतना बड़ा बैॅडरूम देखा था और इतनी लग्जरी चीजों से भरा हुआ था।

उनका बैॅडरूम किसी आलीशान होटल के स्वीट रूम से भी सुंदर और बड़ा था। मैं उनके बैॅडरूम को देखती ही रह गई। सर बोले कहां खो गई अर्श तो मैंने कहा आपका बैॅडरूम देख रही हूं। सर ने कहा मेरा नहीं हमारा बैॅडरूम बोलो। मैं हंस दी और टेबल पर देखा उस पर बहुत महंगी शराब, सिगरेट का पैकेट और लाईटर पडे़ थे। मैंने ऐक सिगरेट निकाल कर जला ली और खडे़ खडे़ कश लगाने लगी। सर ने कहा अकेले ही सिगरेट पीओगी क्या।

मैंने सिगरेट सर की तरफ कर दी लेकिन सर ने कहा अपने हाथ से रोज पीता हूं आज तुम अपने हाथ से पिला दो। मैंने सर के होंठों के बीच सिगरेट लगा दी और सर ने कश खींच लिया। सर ने मेरे टॉप के गले को हाथ से खींच लिया और धुंआ मेरे बूब्ज़ की दरार में छोड़ दिया। फिर मैंने कश लगाया और सर की गर्दन के पास अपने होंठ कर के गर्म सांसों के साथ धुंआ छोड़ दिया। ऐसे मस्ती करते-करते हम सिगरेट खत्म कर गए।

सर सोफे पर बैठ गए और मुझे बैठने को कहा। मैं सोफे पर बैठ गई, सोफा बहुत नर्म था मैं उसके बीच धंसते चली गई। इतना नर्म सोफा मैंने कभी देखा तो क्या सोचा भी नहीं था। मैंने दो गिलास में शराब डाल ली लेकिन मुझे कहीं पानी दिखाई नहीं दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैंने सर से कहा आप नीट पीते हो क्या। सर ने कहा नहीं तुम बताओ किस के साथ लेना पसंद करोगी पानी के साथ, सोडे के साथ या बीयर के साथ। मैंने आज तक सिर्फ पानी के साथ शराब पी थी और मैंने नया ट्राई करने का सोचा। मुझे लगा अगर बीयर के साथ ली तो नशा ज्यादा हो सकता है तो मैंने सोडे के साथ कह दिया। सर ने टेबल के नीचे से सोडे की बोतल और नमकीन काजू निकाल लिए। मैंने शराब में सोडा मिलाकर गिलास उठाकर सर को दे दिया और एक खुद उठा लिया।

हमने चीयर्स किया और एक दूसरे के होंठों को शराब के गिलास लगा दिए। हम एक दूसरे की आंखों में सेक्सी नज़र से देखते हुए गिलास खाली कर दिए। सर ने काजू उठाकर अपने हाथ से मुझे खिलाया और फिर मैंने अपने हाथ से सर को काजू खिलाया। मैंने सर की शर्ट के बटन खोल दिए और सर ने अपनी शर्ट निकाल दी। सर ने मुझे बांहें ऊपर करने को कहा और मेरा टॉप खींच कर निकाल दिया। सर ने मुझे खडी़ किया और मेरी जींस भी निकाल दी।

अब मैं सर के सामने ब्रा एवं पैंटी में खडी़ थी। सर ने मेरी कमर में हाथ डालकर अपने होंठ मेरे गोरे, नाजुक, चिकने एवं मुलायम पेट पर रख दिए। अपने पेट पर सर के नाजुक होंठों का स्पर्श पाते ही मैं चिहुंक पडी़। सर मेरे पेट को चूमने और जीभ से चाटने लगे और मैं सर के मुंह को अपने पेट पर दबाते हुए मचलने लगी। मेरे मुंह से अपने-आप कामुक आवाज़ें निकलने लगीं और मैं अपने हाथ से सर की पीठ सहलाने लगी। सर मेरे पेट को चूमते हुए मेरे चूतड़ दबाने लगे।

मैंने सर को खडा़ कर लिया और अपने होंठ सर के होंठों पर रख दिए और पैंट के ऊपर से सर का लंड पकड़ लिया। सर ने मेरे होंठ चूमते हुए अपनी पैंट एवं अंडरवियर निकाल दिए और अब मेरे हाथ में सर का नंगा तना हुआ गर्म लंड था। मैं सर के होंठ चूमते हुए सर का लंड हिलाने लगी और सर ने मेरे ब्रा की हुक खोल दी। सर ने मुझे पीछे किया और अपनी पैरों में अटकी हुई पैंट निकाल दी। तब तक मैंने भी अपनी ब्रा और पैंटी निकाल कर साईड पर रख दी।

अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खडे़ थे। मैंने सर को बैॅड पर लेटा लिया और खुद उनके ऊपर लेट गई। मेरे बूब्ज़ सर की छाती में गढ़ गए और मेरा मुलायम पेट उनके पेट से सट गया। मैं सर की गर्दन को चूमने लगी और बीच-बीच में अपने नर्म नर्म बूब्ज़ सर की सख्त छाती पर मसल देती। सर ने मुझे अपने बांहों में जकड़ लिया और मेरा कान होंठों में लेकर चूसने लगे। हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे के कानों, गालों, गर्दन और होंठों का रसपान करते रहे। फिर मैंने थोडा़ ऊपर उठी और बारी बारी से सर की छाती के निप्पलों को जीभ से चाटते हुए मुंह में भर कर चूमने लगी।

सर मेरे सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए आंहें भर रहे थे। तभी सर ने मेरी कमर पकड़कर अपना लंड मेरी चूत पर सैट कर लिया। मैं सर की छाती को चूम एवं चाट रही थी और सर अपनी कमर हिला कर मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। उनकी इस हरकत से मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मेरी चूत गीली हो गई। मैं सर के होंठ फिर से चूमने लगी और अपनी गांड हिला कर चूत लंड पर रगड़ने लगी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मेरे मुंह से कामुक आवाज़ें फिर से निकलने लगीं।

हम दोनों ने बैठ कर एक एक और बड़ा बड़ा शराब का पैग लगाया। अब मैं नीचे और सर मेरे ऊपर लेट गए। सर ने अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया और मुंह मेरे बूब्ज़ पर लगा दिया। सर ने मेरे बूब्ज़ को चूसना चालू किया और मुंह में भरकर चूसने लगे। मैंने उनको सिर से पकड़कर उनका मुंह बूब्ज़ पर दबाते हुए गांड हिलाते हुए अपनी गीली चूत सर के लंड पर रगड़ने लगी। सर मेरे बूब्ज़ के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भर कर चूसने लगे। मैं बहुत गर्म हो गई थी और तेज़ी से गांड उठा उठा कर चूत सर के लंड पर रगड़ने लगी। एक बार सर ने थोडा़ सा झटका मारा और उनके लंड का टोप्पा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुंह से आह निकल गई और सर ने लंड बाहर निकाल लिया।

सर ने एक एक और पैग बनाया और हमने वो भी पी लिया। मुझे नशा हो गया था। सर ने मेरी टांगें खोल कर चूत के पास चाटने को मुंह किया लेकिन रुक गए। सर ने कहा अर्श तेरी चूत में थोडा़ सा लंड गया था और अब प्लीज़ उतना सा गांड में भी डालने दो बस थोडा़ सा। मेरा भी दिल किया डलवा कर देखा जाए तो मैंने कहा पर थोडा़ सा ही।

मैं उल्टी लेट गई और सर ने मुझे कमर से पकड़कर घुटने मोड़ कर गांड ऊपर उठा ली। सर ने मेरी गांड के छेद पर और अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा कर मेरी गांड पर लगा दिया। सर ने थोडा़ सा जोर लगाया और सर का टोप्पा मेरी गांड में घुस गया। सर धीरे-धीरे अपना लंड हिलाने लगे और मुझे भी मजा आने लगा। बीच में झटका थोडा़ जोर से लगा और सर का आधा लंड मेरी गांड में चला गया और सर वहीं रुक गए। सर अपना लंड गांड से निकाल लिया जबकि मेरा दिल पूरा लेने को कर रहा था।

हम 69 अवस्था में लेट गए, मैं नीचे और सर ऊपर आ गए। सर ने मेरी टांगें खोलकर अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और मैंने सर का लंड पकड़कर हिलाते हुए उनके पतालू मुंह में ले लिए और चूसने लगी। सर ने मेरी चूत को जीभ से चाटते हुए जीभ अंदर घुसा दी। मैंने सर के लंड के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। थोडी़ देर बाद सर बहुत तेज़ी से मेरी चूत चाटने लगे और मैं उतनी ही तेज़ी से सर का लंड चूसने लगी। सर इतनी तेज़ी से चूत चूस रहे थे के सपड़ सपड़ की आवाज़ बहुत जोर से आ रही थी।

मैं ज्यादा देर बरदाश्त न कर सकी और गांड उठा उठाकर उनके मुंह पर रगड़ते हुए झड़ गई। सर अभी झडे़ नहीं थे और उन्होंने मेरी चूत चाटना बंट करके मेरी बांहों को फैला दिया। उन्होंने अपने घुटने मेरी छाती के दोनों तरफ रख दिए और आगे की ओर झुक गए। सर का लंड मेरे होंठों को छूने लगा और सर मैंने मुंह खोलकर लंड ले लिया। मै अपना सिर आगे-पीछे कर के लंड चूसने लगी और सर भी अपनी कमर हिला कर धीरे-धीरे लंड को मेरे मुंह के अंदर-बाहर करने लगे। कुछ देर बाद सर ने बैॅड के हैड को पकड़कर तेज़ी से कमर चलाने लगे।

सर का लंड मेरे मुंह से होता हुआ गले में उतर कर बाहर आता। जब सर झटका मारते तो उनका लंड मेरे गले की गहराई में उतर जाता, सर थोडी़ देर मेरे गले में लंड फंसा कर रखते और बाहर खींच लेते। गले में लंड के अंदर-बाहर होने से गप्प गप्प की आवाज़ें आने लगीं। थोडी़ देर बाद सर तेज़ी से मेरा मुंह चोदने लगे और मेरे मुंह में वीर्य छोड़ दिया। आज मैं नीचे लेटी हुई थी और एक बूंद भी वीर्य की बाहर नहीं गिरने दी और सारा वीर्य पी गई। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

फिर मैंने सर का लंड जीभ से चाटकर साफ किया और अपनी गीली चूत कपड़े से साफ करके अपने कपड़े पहन लिए। हमनें एक एक और पैग पिया और सिगरेट पी, उसके बाद मैं अपने घर आ गई। ये चूमा चाटी का खेल करीब एक महीना चलता रहा और इस बीच मैंने सर को अपने चर्स पीने की आदत और नकली लंड से चुदाई के बारे भी बताया। सर ने मुझे पूछा सिगरेट, शराब और चर्स केलिए पैसे कहां से आते हैं।

मैंने कहा किसी की चुरा कर पीती हूं, मुझे ये भी नहीं पता चर्स मिलती कहां से है। उस दिन सर ने कहा वो एक जो पीछे की बस्ती है वहां बहुत परिवार चर्स गांजा स्मैक आदि नशे बेचते हैं। मैं तुम्हारी जान पहचान करवा दूंगा। मैंने कहा सर वो तो ठीक है लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं होते। सर ने कहा अगर तू हर शनिवार रात को मेरे साथ चुदाई करे तो मैं तुझे हर हफ्ते 10000 रुपए दूंगा और ट्यूशन फीस भी नहीं लूंगा। मैंने कहा मैं तैयार हूं सर लेकिन घर में क्या बोलूंगी कि रात कहां रहती हूं। सर ने कहा ये मैं संभाल लूंगा तुम तैयार हो और मैंने हां कर दी।

शुक्रवार को सुबह पापा ने मुझे बुलाया और कहा अर्श तुम से एक बात करनी है। मैंने कहा हां पापा बोलो क्या बाद है। पापा बोलने लगे हेमराज सर का फोन आया था उनका जो नेपाली नौकर है वो हर शनिवार को अपने घर जाया करेगा। शनिवार को सुबह खाना बना कर चला जाया करेगा और इतवार को शाम को आया करेगा। अगर तुम रात को वहां रुक कर शनिवार रात और इतवार सुबह का खाना बना दिया करो। हमारे उनके साथ परिवारिक संबंध हैं, मैं तो चाहता हूं तुम बना दिया करो बाकी तुम्हारी मर्ज़ी बेटा।

मैं समझ गई सर ने काम कर दिया है मैंने कहा ठीक है पापा जैसे आप चाहो। पापा खुश हो गए और उनसे ज्यादा खुश मैं थी। शुक्रवार को हमने कुछ नहीं किया सर बोले कल आराम से सब कुछ करेंगे। आते समय सर ने मुझे 5000 रुपए दिए और कहा कॉलेज के बाद ब्यूटी पार्लर से तैयार होकर आना। ये भी कहा ये 10000 से अलग हैं वो पैसे तुझे पूरे मिलेंगे। मैंने घर जाकर अपनी चूत को अच्छी तरह साफ किया और सुबह नहा धो कर कॉलेज आ गई।वहां से सीधा ब्यूटी पार्लर गई और वहां पूरे बदन के बाल साफ करवाए, क्रीम पाऊडर वगैरह-वगैरह लगा कर तैयार हो गई और साथ रानी शेड की लिपस्टिक और ग्लॉस खरीद लिया।

रानी शेड की लिपस्टिक इसलिए ली क्योंकि सर ने यही रंग केलिए कहा था। वहां तैयार होने में करीब 7 बज गए और मैं सर के घर आ गई। सर मेरा वेट कर रहे थे। मैंने स्कूटी अंदर लगाई और दरवाजा बंद कर दिया। अंदर आकर सर ने मुझे कपडो़ं का लिफाफा दिया और पहन कर तैयार होने को कहा। मैं कपड़े लेकर रूम में चली गई और सर तैयार होने दूसरे रूम में चले गए। मैंने लिफाफा खोला और उसमे रानी शेड की टाईट जालीदार नाईटी, रानी शेड का ब्रा एवं पैंटी, रानी शेड के हाई हील के सैंडिल और एक परफ्यूम की बोतल थे।

मैंने अपने कपड़े उतार कर पूरे बदन पर अच्छी तरह परफ्यूम लगा लिया और सर के दिए कपड़े पहन लिए। मैंने लिपस्टिक एवं ग्लॉस लगा कर बाल खुले छोड़ लिए। तभी सर ने दरवाजा खटखटाया और अंदर आ गए। सर ने काली जींस और सफेद शर्ट पहन रखी थी, कसम से सर बहुत सेक्सी लग रहे थे। सर ने मुझे चर्स और सिगरेट दी और मुझे कहा तुम ये पीओ में बाजार से कुछ लेकर आता हूं। सर ने मेरे बूब्ज़ दबाते हुए मुझ से स्कूटी की चाबी मांगी। मैंने टेबल से चाबी उठाकर अपनी ब्रा में डालकर कहा ये लो सर।

सर मेरे ब्रा में हाथ डालकर चाबी निकालने लगे और मैंने उनकी जींस के ऊपर से लंड मसल दिया। सर ने मेरे होंठों पर चुम्मा लिया और आता हूं जानूं बोलकर जाने लगे ह। मैंने पीछे से कहा सर अपने होंठों से लिपस्टिक साफ कर लेना। सर होंठों को साफ करके चले गए और मैंने 4 सिगरेट में चर्स भर ली। आज मैं पूरी तरह शराब, चर्स और चुदाई के नशे में धुत होना चाहती थी। मैंने एक बाद एक दो चर्स वाली सिगरेट खींच लीं और लिपस्टिक ठीक करके सर का वेट करने लगी। तभी मुझे शरारत सूझी और मैंने ब्रा निकाल कर नाईटी की खुली जाली से अपने हल्के भूरे रंग के निप्पल बाहर निकाल लिए।

45 मिनट बाद सर वापिस आ गए और मुझे बिना ब्रा के देखकर शरारत भरी मुस्कान से कहा बहुत मस्त माल लग रही है। मैंने कहा आप भी बहुत सेक्सी लग रहे हो सर। हेमराज सर बाजार से एक डीवीडी, एक दिल के आकार की गोलियां जो मम्मी और उसके यार चुदाई से पहले खाते थे और कोहिनूर के कंडोम का एक पैकेट था। वो सब सामान टेबल पर रखकर सर दूसरे रूम से शराब की बोतल और नमकीन काजू एवं नमकीन बादाम लेकर आए।

मैंने सेक्स की गोलियां उठा लीं और ध्यान से देखने लगी तो सर ने पूछा क्या देख रही हो अर्श। वैसे मुझे अच्छी तरह से मालूम था वो सेक्स की गोलियां हैं लेकिन फिर भी कहा सर ये किस की दवाई है क्या आप बीमार हो। सर हंसते हुए बोले ये किसी बीमारी की दवाई नहीं है अर्श मजे की दवाई है। मैंने कहा मजे की दवाई मतलब तो सर ने कहा अरे यार से चुदाई का मजा लेने की दवाई है, इसको खाने के बाद हम दोनों के अंदर चुदाई की आग कई गुना बड़ जाएगी और झड़ने में टाईम भी ज्यादा लगेगा। मैंने कहा समझ गई सर मतलब हम दोनों गोली खाएंगे और लंबी चुदाई करेंगे। सर ने कहा बहुत समझदार हो अर्श।

सर ने मुझे सोफे पर आने को बोला और खुद एलईडी की तरफ डीवीडी लेकर चले गए। सर ने डीवीडी लगा दी और मैंने दो गिलास में शराब डाल दी। सर भी सोफे पर आ गए और मैंने कहा आज बीयर मिला कर शराब का मजा लेंगें। सर ने कहा जो हुक्म मैडम। सर ने टेबल के नीचे से बीयर की बोतल निकाल ली और मैंने उसको शराब में मिला दिया। हम दोनों ने चीयर्स किया और एक दूसरे को पिलाने लगे, तभी सर ने एक मिनट रुकने को कहा और गोलियां उठा लाए।

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सर गोली मेरे मुंह में रखी और मैंने सर के मुंह में रख दी। फिर हमने एक दूसरे के होंठों को गिलास लगा दिए और गटागट खींच गए। मैंने सिगरेट सुलगा ली और हम एक एक कश कर के पीने लगे। सर ने रिमोट उठाकर एलईडी चालू कर दी और मुझे कहा अर्श ध्यान से देखना कैसे होता है क्योंकि ये असली लंड से तुम्हारी पहली चुदाई है और हम जैसे मूवी में होता है वैसे ही करेंगे। मैं मूवी देखने लगी और उठाकर सर की गोद में बैठ गई। सर ने एक पैग बनाया और हमने मूवी देखते देखते पी लिया। मैंने फिर से सिगरेट सुलगा ली और पीने लगी।

तब तक दूसरी मूवी चल पडी़, उसमे तीन मर्द एक लड़की का मुंह, चूत एवं गांड एकसाथ चोद रहे थे। मैंने सर की तरफ देखा और शरारती अंदाज में कहा सर यहां आपके साथ कोई और भी मुझे चोदेगा क्या। सर ने कहा नहीं क्यों क्या हुआ तो मैंने कहा आपने बोला था जैसे मूवी में होगा वैसे चुदाई करेंगें और यहां तो तीन तीन मर्द एक को चोद रहे हैं। सर ने कहा तू बहुत चालू है अर्श बात को बहुत जल्दी अपने हिसाब से घुमा लेती है, कोई बात नहीं अभी मुझ अकेले से सब्र करो बाद में तीन क्या चार चार पांच पांच से चुदाई करवा दूंगा।

मैंने कहा आप भी बहुत चालू हो सर बड़ी आसानी से मेरे घरवालों को पटा लिया। चुदाई का मजा लेने केलिए बहाना खाने का बना लिया। सर बोले साली चुदाई चीज ही ऐसी है किसी से कुछ भी करवा देती है। लंड और चूत में जब चुदाई की आग लगती है तो बहाना अपने-आप बन जाता है।

तू देखना आज असली चुदाई के बाद तू भी बहाने बनाना सीख जाएगी। मैंने सर की गालों पर चुम्मा लिया और पैग बना लिया। सर ने एलईडी बंद करके पैग पिया और बोले काम चालू करें अर्श। मैंने कहा हां सर जल्दी करो मेरी चूत तो गीली हो चुकी है। सर ने कहा अर्श मुझे चुदाई के टाईम गंदी गंदी गालियां देना और सुनना अच्छा लगता है।

पढ़ते रहिये.. क्योकि मेरी चुदाई की ये सेक्स इंडियन हिन्दी चुदाई कहानी अभी जारी रहेगी और मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.

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