Mummy, Main Aur Nana Ji Ka Dost – Part 1

हैलो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श आपके सामने चुदाई की गर्मागर्म कहानी लेकर फिर से हाजिर हूं। कहानी शुरू करने से पहले सभी पाठकों के खड़े लंडों पर चुम्मा लेकर बहुत सारा सलाम और लंड के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए मुंह में लेकर चूसते हुए ढेर सारा प्यार।

आप ने मेरी कहानियों को जो प्यार दिया उसके लिए लॉड अपनी चूत एवं गांड में लेकर जोरदार झटकों से चुद कर गर्मागर्म वीर्य मुंह में लेकर बहुत शुक्रिया। ये कहानी मेरी मम्मी और मेरे नाना के घर के साथ घर में रहने वाले अंकल के बीच हुए सेक्स की कहानी है।

मेरी मम्मी का नाम संदीप है लेकिन सब उनको संनी बुलाते हैं। मम्मी की फिगर संनी लियोन से भी हॉट और सेक्सी है। मम्मी का रंग बहुत गोरा और कद 5 फीट 6 इंच है। मम्मी की आंखें एवं बाल गहरे काले और होंठ लाल और रसीले हैं।

मम्मी का बदन भरा हुआ और एकदम टाईट है। मम्मी की आयु 42 साल है लेकिन वो इतनी फिट है कि उनकी आयु 30-32 से ज्यादा नहीं लगती। मम्मी के बूब्ज़ और गांड बड़े-बड़े, गोल और टाईट हैं। मम्मी का बदन रेशम की तरह मुलायम है और फिगर का नाप 36डी-28-36 है।

मेरी मम्मी पेशे से टीचर है और दिखने में बातचीत करने में बहुत शरीफ लगती है लेकिन जो उनको अच्छी तरह जानते हैं उनको मालूम है कि मेरी मम्मी कितनी बड़ी चुद्दकड़ रंडी है। मम्मी के स्कूल को कोई मर्द टीचर ऐसा नहीं जिसने मम्मी को न चोदा हो उनके अलावा पापा के काफी दोस्त मम्मी की सहेलियों के पति तथा कई और मर्दों से भी मम्मी चुदवाती है।

मैं अपनी मम्मी के साथ बहुत खुली हुई हूं और बहुत बार एक रूम में मर्दों से चुदवाती हैं। जो मम्मी के मर्द दोस्त हैं उनसे मैं भी चुदवा लेती हूं और जो मेरे यार हैं उनसे मम्मी अपनी प्यास बुझा लेती है। बहुत बार हम दोनों मां-बेटी ग्रुप सेक्स में भी चुदवा चुकी हैं।

ये बात करीब दो साल पुरानी है। गर्मियों में जून की छुट्टियों में मैं और मम्मी नाना के घर गईं थीं। नाना जी और नानी जी गांव में अकेले रहते हैं तथा तीनों मामा अपने अपने परिवार के साथ अलग अलग शहरों में रहते हैं। नाना-नानी को अपने पुश्तैनी घर से बहुत लगाव है इसलिए वो वहीं रहते हैं। उनके साथ वाले घर में एक परिवार से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं और काफी आना जाना है।

उनके परिवार में एक करीब 70 साल के अंकल, उनका बेटा, बहू और उनके दो बच्चे हैं। जब हम नाना के घर गए तो अगले दिन अंकल का बेटा बहू और बच्चे कहीं घूमने चले गए और हमें अंकल का ख्याल रखने को बोल गए जिसे मम्मी ने खुशी से स्वीकार कर लिया क्योंकि वो लोग नाना-नानी का बहुत ख्याल रखते थे।

नाना-नानी के कम सुनाई और दिखाई देता था रात में तो न के बराबर ही देख पाते थे। वही उनका ख्याल रखते थे तो मम्मी ने भी खुशी से हां बोल दिया और उनके आने तक पूरा ख्याल रखने को बोल दिया। वो लोग 20 दिन बाद आने को बोलकर गए क्योंकि उन्होंने कई रिश्तेदारों से मिलना था।

उस अंकल का नाम धर्मवीर था लेकिन सभी उनको धर्म अंकल बुलाते थे। अंकल का रंग साफ और कद करीब 5 फीट 8 इंच था। अंकल के बाल सफेद और आंखें काली थी। अंकल को नजर का चश्मा लगा हुआ था लेकिन जिस्म फिट था। अंकल कुर्ता पजामा पहनते थे और चेहरा क्लीन शेव था।

रात को मैंने और मम्मी ने खाना बनाया तथा दीवार के ऊपर से अंकल को खाना खाने केलिए आवाज दी। जब अंकल घर आए तो मुझे तभी पता चल गया कि बुढ्ढा एक नंबर का ठरकी है। वो मम्मी के बदन को बहुत कामुक नजरों से निहार रहा था।

हम सब ने खाना खाया और सो गए। अगले दिन सुबह ही वो आ गया और चाय नाश्ता किया। वो बार बार मम्मी के करीब करीब जा रहा था और मम्मी को निहार रहा था। वो दिन ऐसे ही चलता रहा हंसी मजाक चलता रहा लेकिन मेरी नजर अंकल पर ही थी वो मम्मी के बूब्ज़ और गांड को बहुत लालसा से देख रहा था। मैं समझ गई कि अंकल मम्मी के फदन पर फिदा हो गया है।

उसके अगले दिन मम्मी नहा धो कर तैयार हो गई। मम्मी ने गुलाबी रंग की साड़ी लगा ली जो काफी पतली थी। साड़ी के पल्लू से मम्मी का चिकना पेट दिखाई दे रहा था और ब्लाउज़ काफी टाईट एवं आगे-पीछे से खुले गले का था। ब्लाउज़ में मम्मी के बड़े-बड़े बूब्ज़ फंसे हुए थे।

आगे से मम्मी के बूब्ज़ की दरार और पीछे से चिकनी पीठ दिखाई दे रही थी। कुछ देर बाद अंकल भी आ गया और मम्मी की खूबसूरती निहारने लगा। मम्मी झुककर झाडू लगाने लगी और मम्मी के बूब्ज़ अंदर तक दिखाई दे रहे थे। मैंने अंकल की तरफ देखा वो सब कुछ भूल कर मम्मी के बूब्ज़ को देखकर अपने पजामे के ऊपर से अपना लंड सहला रहा था।

उस दिन अंकल कई बार बहाने से मम्मी के बदन को छू लेते थे। रात को जब हम सोने लगे तो मैंने मम्मी से कहा कि अंकल आप में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहे हैं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मम्मी ने पूछा तुझे कैसे पता तो मैंने मम्मी के बूब्ज़ दबा कर कहा आपके बूब्ज़ को देखकर बुढ्ढा जवान हो गया और लंड सहला रहा था। मम्मी हंसते हुए बोली तभी तो उसको दिखा रही थी। मैंने कहा किसी जवान को पटा लो बुढ्ढा क्या करेगा। मम्मी बोली जो मैंने देखा तूने नहीं देखा इस बुढ्ढे में बहुत दम है कल रात को देखना क्या होता है। मैंने कहा मतलब कल अंकल से अपनी आग बुझाने वाली हो।मम्मी बोली हां यार चूत और गांड में लंड की आग लग रही है। मैंने कहा आग तो मुझे भी लगी है मैं क्या करूं तो मम्मी बोली तेरा इंतजाम भी कर दूंगी पहले मुझे अपनी आग बुझा लेने दे।

अगले दिन मम्मी तैयार होकर खुद उनके घर चाय देने गई और थोड़ी देर बाद आ गई। वहां मम्मी ने अंकल से कोई बात की थी, जब अंकल नाश्ता करने आए तो बहुत खुश थे और चोरी से मम्मी को इशारा भी कर देता। दोपहर को लंच करके अंकल घर चला गया और मैं हैरान हो गई कि आज इतनी जल्दी कैसे गया।

कुछ देर बाद नाना-नानी अपने रूम में सो गए और मम्मी ने फोन लगा कर कहा आ जाओ सो गए। कुछ ही देर में अंकल धीरे से गेट खोलकर अंदर आ गए। मैं, मम्मी और अंकल किचन में खड़े थे और साथ में नाना-नानी का रूम था। मम्मी ने मुझे धीरे से कहा अर्श जरा ध्यान रखना अगर कोई हलचल हो तो इशारा कर देना।

मैं किचन के दरवाजे के पास खड़ी हो गई और मम्मी अंकल से लिपट गई। दोनों एक-दूसरे के होंठों में होंठ डालकर चूमने लगे। उनके चूमने से पुच्च पुच्च की आवाजें आ रही थीं तो मैंने उनको धीरे करने को बोला। तभी अंकल ने मम्मी से कहा संनी डार्लिंग जल्दी से मेरा माल निकाल दो कितने साल हो गए अपने हाथ से निकाल रहा हूं और बाकी के अरमान रात को पूरे कर लेंगें।

मम्मी घुटनों के बल नीचे बैठ गई और अंकल का पजामा नीचे कर लिया। जब मैंने अंकल का लंड देखा तो मेरे मुंह से लार टपकने लगी। अंकल का लंड काफी मोटा लंबा और जानदार था। अंकल के लंड पर एक भी बाल नहीं था जैसे कुछ देर पहले बाल साफ किए हों। अंकल का लंड लोहे की रॉड की तरह तना हुआ था।

मम्मी ने अंकल के लंड को अपने कोमल हाथों से सहलाते हुए टोप्पे से चमड़ी पीछे कर दी। अंकल के लंड के मोटे गुलाबी टोप्पे को देखकर मैं मदहोश सी होने लगी। मम्मी ने अंकल के टोप्पे को चूमा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर टोप्पे पर घिसने लगी। थोड़ी देर बाद मम्मी ने अंकल का लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

जैसे जैसे मम्मी अंकल का लंड चूसती अंकल के मुंह से आहह आहह की आवाजें निकल जातीं। अब मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने नाना-नानी के रूम में जाकर देखा दोनों गहरी नींद में थे। मैं किचन में आ गई और अंकल के पीछे बैठ गई। मैंने अंकल को जांघों से पकड़ा जीभ से उनके पतालू को चाटने लगी।

अंकल के पूरे जिस्म में सिरहन सी दौड़ गई। मम्मी ने मुझे कहा अर्श तुझे बाहर ध्यान रखने को बोला था तो मैंने कहा नाना-नानी गहरी नींद में हैं कोई नही उठेगा। मम्मी ने कहा फिर भी तुम ध्यान रखो तो मैंने कहा आप मजे लूट रही हो और मैं देखती रहूं। मम्मी ने कहा अच्छा बाबा तू मजा कर ले तो अंकल बोले क्या बात है आज मां-बेटी को एक साथ चोदने का मजा आएगा।

अंकल ने आगे कहा भगवान जब देता है छप्पर फाड़ टर देता है इतने सालों से एक चूत को तरस रहा ता और आज दो चूतों का मजा एक साथ मिलेगा वो भी सगी मां-बेटी की चूत। मैंने अंकल से कहा भगवान ने तो छप्पर फाड़ कर चूत का जुगाड़ कर दिया अब आप अपने लंड से हमारी चूत एवं गांड को चोद चोद कर फाड़ देना।

मम्मी अपनी सलवार को उतार कर सेल्फ पर टांगें खोलकर बैठ गई और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई। अंकल ने झुककर अपना मुंह मम्मी की चूत पर रख दिया और मैंने अंकल का लंड अपने मुंह में ले लिया। मैं अंकल की गांड को पकड़ कर उनके लंड को गले की गहराई में उतार कर चूसने लगी और अंकल मम्मी की जांघों को सहलाते हुए मम्मी की चूत में जीभ डालकर चाटने लगे।

कुछ देर बाद मैं अपनी जींस उतार कर सेल्फ पर आ गई और मम्मी नीचे। अब मम्मी अंकल का लंड चूस रही थी और अंकल मेरी चूत चाट रहे थे। अब अंकल झड़ने वाले थे तो उन्होंने मेरी चूत चाटना छोड़ कर मम्मी को सिर से पकड़ लिया। अंकल मम्मी के मुंह को चोदने लगे और मैं भी नीचे बैठ कर अंकल के पतालू से खेलने लगी।

अंकल ने अपना वीर्य मम्मी के मुंह में छोड़ दिया जो मम्मी के होंठों से उनकी गालों पर फैलने लगा। जो वीर्य मम्मी के मुंह में गिरा वो मम्मी पी गई और जो मम्मी के होंठों और गालों पर आया उसको मैंने जीभ से चाटकर साफ कर दिया। हमने कपड़े पहन लिए और अंकल ने पूछा रात का कैसे करना है।

मम्मी ने कहा जब नाना-नानी सो जाएंगे तब हम आएंगी। मैंने कहा मेरी एक शर्त है कि रत को वीर्य मेरे मुंह में गिराना। अंकल ने कहा फिक्र न कर मेरी जान तुम मां-बेटी को वीर्य सए नहला दूंगा और अंकल चले गए। मैंने मम्मी की गांड पर चपत मार कर कहा मम्मी आप सच में बहुत चुद्दकड़ रंडी हो।

मर्द को देखकर पहचान लेती हो उसमें कितना दम है।आप ने सच कहा था बुढ्ढे में बहुत दम है। मम्मी ने कहा तू भी पूरी चुद्दकड़ कुतिया है लंड मैंने तैयार किया और मजा तू भी कर गई। हम ऐसे हंसी-मजाक करते गेट बंद करके सो गईं।

रात को सब खाना खाकर सो गए। करीब दस बजे मैं और मम्मी चुदने केलिए तैयार हो गईं। मैंने नीली जींस, हरी शर्ट, हरे रंग की ब्रा और पैंटी पहन कर लाल लिपस्टिक लगा ली। मैंने बाल खुले छोड़ लिए और काले रंग के हाई हील के सैंडिल पहन लिए। मम्मी ने मेरी कले रंग की जींस और सफेद टॉप पहन कर गुलाबी लिपस्टिक लगा ली।

मम्मी ने भी बाल खुले छोड़ कर सफेद हाई हील के सैंडिल पहन लिए। हमारी गांड और बूब्ज़ बाहर को और भी उभरे हुए दिख रहे थे और हम गांड मटका कर चर रही थीं। जब हम बाहर आई तो मैंने मम्मी से कहा मेन गेट लोहे का है तो आवाज़ आएगी और बाहर हमें कोई अंकल के घर जाते देख सकता है।

मम्मी ने अंकल को फोन किया और अंकल ने दीवार से लकड़ी की सीढ़ी लगा दी और हम उस पर चढ़ कर अंकल के घर चली गईं। हम तीनों अंकल के बैॅडरूम में आ गईं। वहां पर डबल बैॅड, सोफा, टेबल एलईडी लगे हुए थे। टेबल पर बीयर, शराब सिगरेट और सेक्स की गोलियां पड़ी थीं। मैंने जाते ही बीयर की बोतल को खोला और गटागट पी गई उसके बाद सिगरेट जला ली।

अंकल ने बहुत प्यास लगी थी क्या तो मैंने कहा मेरी प्यास तो चूत और गांड की ठुकाई के बाद वीर्य से बुझेगी बीयर तो प्यास को बढा़ती है मिटाती नहीं। अंकल ने कहा क्या बात है बिल्कुल गर्म माल हो और तेरी मां भी गर्म माल है। मम्मी ने कहा हम तो गर्म चुद्दकड़ रंडियां हैं और हमारी भूख प्यास सिर्फ जानदार मर्दों के लंड से मिटती है।

हम मां बेटी को के एक एक अंग को मसल मसल कर चोदना और हम तुम्हारे लंड को रगड़ रगड़ कर माल निकालेंगी। मैंने कहा हमे प्यार वाली चुदाई नहीं जंगली चुदाई पसंद है जितना हमारी चूत एवं गांड में अपना लंड जोर से ठोकोगे हम उतने ही जोर से वापस चूत और गांड हिला हिला कर चुदाई करेंगी।

पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

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