Begaani Shaadi Me Suhagraat Meri – Episode 1

आपने मेरी पिछली सेक्सी कहानी साजिश में पढ़ा की हमने औलाद के लिए क्या क्या पापड बेले। अब हमारा बच्चा साल भर का होने आया था। इस बीच जीवन एकदम सामान्य हो गया था। पर खूबसूरत स्त्री और उसके चाहने वाले को ज्यादा समय दूर नहीं रख सकते। इस कहानी में पढ़िए मेरे जीवन में एक ओर भंवरा आया जिसने मेरा रस चूस लिया।

शादी का सीजन चल रहा था। शादियों के सीजन में ऐसा होता हैं कि घर में कई वेडिंग इनविटेशन कार्ड का ढेर लग जाता हैं। कई बार तो एक ही दिन एक से ज्यादा शादियों में शरीक होना होता हैं। ऐसे ही एक बार शादी के सीजन में हमें एक ही दिन के लिए, कई शादियों में जाने का निमंत्रण था।

मेरे घर में सिर्फ तीन बड़े लोग थे, मैं पति और सास। सब घर वालों ने मिलकर तीन ख़ास न्योतो को चुना और कौन कहा जायेगा निर्णय करने लगे। सासु जी अपनी छोटी बहन के ससुराल में शादी थी तो वो वहां जायेंगे, पति एक करीबी रिश्तेदार की शादी में जायेंगे।

अब बची वो शादी जो पास के शहर में होने वाली थी। ये शादी हमारे एक फॅमिली फ्रेंड के घर में थी, जिनसे हमारी बहुत घनिष्ठता वाला रिश्ता हैं। हमने उनसे वादा किया था कि हमारे घर से कोई न कोई शादी जरूर अटेंड करेगा।

हमारे पड़ोस में रहने वाली ऑन्टी जिन्हे हम प्यार से मौसी कहते हैं, उनकी बड़ी बहु का वो पीहर भी था। क्यों कि सिर्फ मैं बची तो उस शादी में जाने का मेरा नंबर लगा।

सासुजी ने कहा कि बच्चा छोटा हैं तो इसको इतना ट्रेवल मत कराना मैं इससे रख लुंगी अपने साथ लोकल शादी में।

मेरे शादी में आने जाने की व्यवस्था पडोसी मौसी के साथ थी, वो जब अपनी कार में जाएंगे तो मुझे भी ले जायेंगे। पता चला वो लोग शादी के एक रात पहले ही पहुंच जाएंगे ताकि महिला संगीत में भी शिरकत कर सके और अगले दिन दोपहर में होने वाली शादी के लिए भी देर न हो।

शाम के आठ बजे मैं मौसी के घर पहुंची, वो लोग कार में अपने बेग रख रहे थे, मैंने भी अपना बेग रखवा दिया जिसमे अगले दिन शादी में पहनने के कपडे, गहने और मेकअप के सामान थे। हम लोग वहां पहुंचते ही सीधे महिला संगीत अटेंड करने वाले थे तो हम लोग उसी हिसाब से तैयार होकर निकल रहे थे।

हम चार लोग जाने वाले थे, मौसी, मौसाजी, उनका छोटा लड़का प्रशांत और मैं। प्रशांत की बीवी किसी ऑफिस के काम की वजह से नहीं आ पा रही थी। उनकी बड़ी बहु पहले ही मायके में थी, अपने पति के साथ शादी की तैयारियों के लिए।

नौ बजे के करीब हम लोग समारोह स्थल पर पहुंचे जो की एक होटल था। हम लोगो को दो कमरों की चाबी दे दी गयी। एक में प्रशांत और उसके पापा ने अपना सामान रख दिया और दूसरे में मैंने और मौसीजी ने। ताला लगा कर हम हॉल में आ गए, जहा संगीत संध्या अपनी गति पकडे हुई थी।

हॉल में प्रवेश करते ही एक तरफ कुर्सियां लगी थी तो दूसरी तरफ नीचे बैठने की व्यवस्था थी, उन औरतो के लिए जो शादी के लिए कुछ आवश्यक काम कर रही थी। हॉल के पीछे का हिस्सा नाचने के लिए था। तेजी से संगीत बज रहा था और कुछ बच्चे और युवा थिरक रहे थे।

कुछ लोग डांस देखने में मग्न थे तो ओर कुछ बैठे बातें कर रहे थे तो कुछ मेहंदी लगवा रहे थे। मौसी ने मेरा परिचय करवाया। मैं ज्यादा किसी को अच्छे से जानती नहीं थी तो फिर अकेले एक कुर्सी पर जाकर बैठ गयी और डांस देखने लगी।

मुझे अकेला देख, थोड़ी देर बाद प्रशांत आया और मेरा साथ देने बातें करने लगा। मेरी शादी के समय उसने मेरी बहुत टांग खींची थी, पर शादी के बाद पता चला वो बहुत हंसमुख स्वभाव का और सुलझा हुआ युवक हैं। मेरे लिए एक दोस्त की तरह था।

हम लोग कुछ देर तक बातें करते रहे और वो मेरे लिए कुछ पीने और नाश्ते को भी ले आया। मैंने बात बढ़ाने के लिए उससे पूछा वो डांस नहीं कर रहा, तो उसने कहा अभी बच्चे लोग डांस कर रहे हैं फिर यहाँ कपल डांस होने वाला हैं, मेरी बीवी तो आयी नहीं सो मैं भाग नहीं ले पाऊंगा। मैंने अफ़सोस जताया।

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उसने कहा आपने अपनी शादी में तो बहुत अच्छा डांस किया था मुझे याद हैं। आप अच्छी डांसर हैं आपको डांस करना चाहिए। उसने मुझसे पूछा क्या मैं उसका साथ कपल डांस करुँगी। मैं थोड़ा सकपकाई, कभी अपने पति के साथ भी डांस नहीं किया फिर गैर मर्द के साथ कैसे कर सकती हूँ।

मैंने उसको समझाया हम दोनों शाद्दी शुदा हैं, पता नहीं कपल डांस में कोई देखेगा तो क्या कहेगा।

उसने कहा इसकी चिंता मत करो, कपल डांस में वैसे भी उस एरिया में रौशनी एकदम कम कर दी जाएगी, सिर्फ एक दो डिस्को लाइट बीच बीच में घूमेंगी। हम लोग सबसे पीछे की तरफ जाकर डांस करेंगे ताकि आगे बैठे लोग नहीं देख पाए। हमें तो वैसे भी डांस का मजा लेना हैं कौनसा सा लोगो की वाहवाही लूटनी हैं।

मैं उसको मना नहीं कर पाई। थोड़ी ही देर में कपल डांस के लिए घोषणा हुई, काफी दम्पति डांस फ्लोर पर इकठ्ठा हो गए।

प्रशांत मुझे भी भीड़ के बीच से सबसे पीछे ले गया जहाँ सबसे कम रौशनी थी और डिस्को लाइट भी नहीं आयी। अब गाना शुरू हुआ, DJ ने कपल के लिए एक रोमांटिक गाना चला दिया।

मैं सकपका गयी, इस पर कैसे डांस कर सकते हैं किसी और के साथ। पर इस स्तिथि से बचा भी नहीं जा सकता था, तो हम एक हाथ की दुरी पर थोड़ा हिलते डुलते हुए थोड़ी देर तक डांस करते रहे।

दूसरे सारे कपल बाहों में बाहें डाल कर एक दम करीब होकर नाच रहे थे। इस अजीब स्तिथि से बचने के लिए प्रशांत अब मेरे थोड़ा ओर करीब आकर नाचने लगा।

थोड़ी ही देर में उसने अपने दोनों हाथो में मेरे हाथ पकड़ लिए और हाथ ऊपर नीचे करते हुए नचाने लगा। दूर होकर नाचने से ये गाने के हिसाब से ज्यादा बेहतर नाच था।

फिर थोड़ी ही देर में उसने मेरा एक हाथ अपने कंधे पर रख दिया जब कि दूसरा हाथ अब भी उसके हाथ में था। उसने अपना दूसरा हाथ मेरी कमर पर रख कर अपने करीब खिंच लिया और आगे पीछे होकर मुझे अपने साथ नचाने लगा।

पता ही नहीं चला और गाने के बहाव में धीरे धीरे हिचकिचाहट जाती रही और हम ओर करीब आने लगे। अब हम एक कपल की ही तरह एक दूसरे की बाहों में चिपक कर थोड़ी देर तक ओर नाचते रहे।

मेरे वक्ष थोड़ी थोड़ी देर में उसके सीने से टकरा कर दब भी रहे थे। वो ऐसे रियेक्ट करता जैसे कुछ हुआ ही न हो, जबकि मैं थोड़ा सा शर्मा जाती ओर थोड़ा दूर हट जाती, पर थोड़ी ही देर में वो फिर मुझे अपने करीब खींचता और फिर वही दोहराता।

बीच बीच में वो स्थिति बदलते हुए मुझे पूरा घुमा देता और पीछे से मुझे पेट से झकड़ कर अपने से चिपका लेता, जिससे मेरे नितंब उसके नाजुक अंगो को छूते और डांस में हिलने के दौरान उससे रगड़ते।

मेरे पेट में तितलियाँ उड़ रही थी, मेरी इच्छाएं बढ़ रही थी। तभी गानो का एक दौर ख़त्म हुआ और हम एक दूसरे से ना चाहते हुए भी अलग हुए। वह एक डांस ब्रेक था। मैं वापिस जाकर कुर्सी पर बैठ गयी।

प्रशांत अपनी मम्मी से मिल कर आया और मुझे चाबी देते हुए कहा, मम्मी ने दी हैं तुम्हारे रूम की चाबी, अगर तुम्हे सोने जाना हैं तो जा सकती हो, मम्मी को समय लगेगा।

मैं तो उसके साथ अभी ओर समय गुजारना चाहती थी सो कुछ कहते नहीं बना।

प्रशांत ने कहा एक राउंड ओर डांस का कर लेते हैं फिर मुझे भी वैसे सोने जाना हैं। मैंने ख़ुशी से हां कर दी। ब्रेक ख़त्म हुआ और सारे कपल फिर बीच में आ गए। प्रशांत मुझे भीड़ के बीच एक बार फिर सबसे पीछे कोने वाली जगह में ले आया।

जैसे ही गाना बजना शुरू हुआ हम एक दूसरे से चिपक गए, और नाचने लगे। उसका ध्यान नाच में कम और छूने में ज्यादा था। हम दोनों काफी करीब आ गए थे, इतना कि मेरी वासनाये भड़कने लगी थी। मन में गंदे विचार आने लगे।

वह बीच बीच में कमर पर हाथ रखने के बहाने कुछ ज्यादा ही ऊपर से पकड़ रहा था जिससे उसके हाथ मेरे वक्षो को छु रहे थे। पर मुझे उसकी ये शरारत भी भा रही थी।

कभी कभार वो अपने होंठ से मेरे कंधे छु रहा था। इसी तरह एक दूसरे में खोये हुए हम नाचते रहे। इससे पहले कि मेरा अपने आप से नियंत्रण हटता गाना ख़त्म हो गया और एक बार फिर हम अलग हुए।

कपल डांस का राउंड ख़त्म हो चूका था और नाचने की बारी दूसरे उम्र के लोगो के लिए थी। अब हम दोनों रूम की तरफ सोने के लिए जाने लगे। उसने मेरे रूम का ताला खोल दिया और कहा कुछ भी जरुरत हो तो वो पास के रूम में ही हैं तो उसे बता दू।

उसने बताया दोनों रूम को जोड़ने के लिए बीच में एक दरवाजा भी हैं। वह शुभरात्रि बोल कर अपने रूम की तरफ गया। मैंने सोचा काश कुछ बहाना मार कर उसे अपने ही रूम में रोक लेती मगर कैसे कहती।

मैं कमरे में आयी और दरवाज़ा बंद कर अपना बेग खोल कर रात को पहनने के लिए नाईट गाउन निकाल लिया। अब मैं आईने के सामने खड़ी हो गयी और अपना रूप निहारने लगी। अपनी चुडिया और दूसरे गहने निकाल दिए।

बहुत तनहा तनहा सा लग रहा था। खैर मैंने अपनी साड़ी निकाल कर एक तरफ रख दी। मेरी चोली पीछे से डोरियों से बंधी थी सो पहले अपने खुले बालो को ऊपर कर झुड़ा बाँध दिया। अब मैंने अपनी चोली की डोरियों की गांठे खोल कर उतार दी।

चोली क्यों कि पीछे से खुली थी तो ब्रा नहीं पहना था। अब मैं अपनी चोली को समेटने लगी। तभी पीछे एक आहट हुई, मैं घबरा कर पीछे मुड़ी तो देखा दोनों रूम के बीच का दरवाज़ा खुला था वहाँ प्रशांत खड़ा हैं।

उसका मुँह खुला का खुला और आँखें फटी की फटी रह गयी थी। कुछ क्षणों में मैंने महसूस किया कि मैं टॉपलेस हूँ और वो मेरे सीने को ही घूर रहा हैं। मैंने तुरंत अपने हाथ में पकड़ी चोली से अपना सीना ढका और पीछे मुड़ गयी।

मैंने आईने में देखा वो अब भी मुझे घूर रहा था। अगर बालो का झुड़ा नहीं बनाया होता तो शायद बाल मेरी नंगी पीठ और कमर को ढक सकते थे, पर अब वो मेरी नंगी पीठ और पतली कमर को ही घूर रहा था।

मैं शरम के मारे पानी पानी हो गयी और नज़रे नीचे जमीन पर गड़ा दी। अपने पैरो की उंगलियों से नीचे के कार्पेट को कुरेदने लगी और उसका ध्यान भंग करते हुए पूछा आप यहाँ?

उसकी जैसे नींद सी टूटी और सकपकाते उसने कहा, मुझे पता नहीं था आप चेंज कर रही होंगी वरना ऐसे नहीं आता। मैंने नज़रे ऊपर करते हुए आईने में देखा तो वो आईने के माध्यम से मुझसे नज़रे मिलाते हुए बोला आई ऍम सॉरी।

वो बेमन से पीछे मुड़ कर पीछे जाने ही वाला था। मुझे लगा मेरी इस हालत से शायद वो घबरा गया हैं। उसको थोड़ा सामान्य करने के लिए उसको पूछा कुछ काम था तुमको मुझसे?

उसने कहाँ नहीं मैं बस चेक कर रहा था अगर जरूररत पड़े तो ये बीच का दरवाज़ा काम करता भी हैं या नही।

मैंने कहा अच्छा ठीक हैं।

उसने कहा गुड नाईट, मैंने भी गुड नाईट में जवाब दिया।

उसने आगे कुछ हकलाते हुए पूछा आपको बुरा ना लगे तो एक बात कहु?

अब हम आईंने के माध्यम से ही नज़रे मिला कर बात कर रहे थे।

मैंने कहा बेझिझक बोलो।

उसने कहा तुमने अपना फिगर बहुत संभाल के रखा हैं, शादी के चार पांच साल बाद भी ऐसे संभाल कर रखना आसान नहीं हैं। मैंने शर्म के मारे एक बार फिर नज़रे नीचे झुका ली और उसको थैंक यू बोला।

मैं इंतज़ार करने लगी वो दरवाज़ा बंद कर वापिस अपने रूम में जाएगा। पर अगले कुछ क्षणों के बाद उसकी उंगलिया मेरी पीठ और कमर पर मचल रही थी। मेरे पुरे शरीर में जैसे विद्युत प्रवाह सा हो गया।

मैंने अपने हाथों में पकड़ी चोली से सीना ओर भी कस के दबा लिया। मेरे मुँह से ना तो एक शब्द निकला ना ही मैं जरा भी अपनी जगह से हिली।

थोड़ी देर ऐसे ही उंगलिया फिराने के बाद उसने उनको हटा लिया। मुझे ऐसा लगा जैसे शरीर में विद्युत प्रवाह रुक गया।

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